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Original Stories By Author (09): The Sad Story of a Sarkaari Admi

This is a collection of Original Creation by Nilesh Mishra

कहानी 9: 
एक बार एक सरकारी कर्मचारी को एक साधू मिल गए और उसे ज्ञान देने लगे:
साधू : बेटा अपनी कमाई का 10% दान दे दिया करो । 
कर्मचारी : पर बाबा कमाई का 10% तो सरकार एनपीएस काट लेती है । 

साधू : अरे एनपीएस काटने के बाद बची कमाई का 10 %
कर्मचारी : 10% तो सरकार इनकम टैक्स भी काट लेती है 
साधू : इनकम टैक्स काटने के बाद बची कमाई का 10%
कर्मचारी : बाबा बची हुई कमाई का 50% तो दवाई मे चला जाता है ।
साधू : क्यू सीजीएचएस है न तब काहे का खर्च
कर्मचारी: बाबा पिछली दफा जुकाम हुआ था, दिखाने गया तो उन्होने सरकारी अस्पताल मे रेफर कर दिया । वहाँ गया तो वहाँ 1 दिन तो लाइन मे लगा रहा । अगले दिन नंबर आया तो स्वाइन फ्लू हो गया । भर्ती हुआ तो आक्सीजन खत्म हो गया । अंततः प्राइवेट अस्पताल मे खुद का खर्च करके इलाज कराया और चूंकि सीजीएचएस ने प्राइवेट अस्पताल रेफर नहीं किया था तो न खर्चा मिला न मेडिकल लीव ग्रांट हुई और 2 महीने का वेतन अलग नहीं मिला। इसलिए बाबा सीजीएचएस का भरोसा नहीं । 
साधू: अरे तो उससे बची कमाई का 10%
कर्मचारी : बाबा उससे बची कमाई का आधा हिस्सा तो टमाटर खरीदने मे चला जाता है
साधू: और बाकी
कर्मचारी : बाकी बीवी के हाथ मे । 
साधू कर्मचारी की ओर अपनी ईमेल लिखा 500 का पुराना नोट बढ़ाते हुए बोला : ले बेटा जा जीले अपनी जिंदगी। जब भी दिल करे मेरा पेशा चुनने का, अपना रेस्यूम फोटो के साथ मुझे मेल कर देना बेटा । 
यह कह कर साधू आंखो मे आँसू भरे हुए वन की ओर निकाल गए ।

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Nilesh Mishra


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